
असम के लेजेंडरी सिंगर ज़ुबिन गर्ग की मौत ने जहां लाखों दिलों को तोड़ा, वहीं जांच में उठते सवालों ने सोशल मीडिया से लेकर सियासत तक सबको हिला दिया है। अब मामले में नया ट्विस्ट आया है—उनके ही चचेरे भाई संदीपन गर्ग की गिरफ्तारी।
संदीपन से पूछताछ के बाद गिरफ्त में लिया गया
बुधवार सुबह CID मुख्यालय में चाय-कॉफी के साथ शुरू हुई पूछताछ दोपहर होते-होते हथकड़ी में बदल गई।
SIT चीफ़ एम.पी. गुप्ता ने पुष्टि की कि संदीपन को पूछताछ के बाद गिरफ़्तार किया गया है।
अब सवाल यह है — “क्या बीच पर हुई वो सैर आख़िरी सफ़र बन चुकी थी?”
सिंगापुर का ‘डूब’ और भारत में ‘सस्पेंस’
19 सितंबर, सिंगापुर:
ज़ुबिन गर्ग समुद्र तट पर टहलने निकले, साथ थे संदीपन। कुछ घंटों बाद ज़ुबिन की डूबने से मौत की खबर आती है। सिंगापुर की रिपोर्ट कहती है — “Death by drowning.”
लेकिन भारत की जनता कह रही है — “कुछ तो गड़बड़ है, दया!”
क्राइम सस्पेंस में ‘₹1 करोड़’ का क्लाइमेक्स
मामले में पहले ही दो PSO (प्राइवेट सिक्योरिटी ऑफिसर) को निलंबित किया जा चुका है। क्यों? क्योंकि उनके खातों में ₹1 करोड़ से ज़्यादा का लेनदेन मिला है।
वफादारी में कमी थी या ज़ुबिन के आस-पास कोई बड़ा गेम चल रहा था?
अब मामला सिर्फ CID का नहीं, ED और IT डिपार्टमेंट भी तामझाम के साथ एंट्री मार चुके हैं।
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असम के मुख्यमंत्री ने कहा:
“हमने ED और इनकम टैक्स विभाग को भी कहा है कि ज़ुबिन की मौत से जुड़े सभी वित्तीय पहलुओं की जांच करें।”
इसका मतलब साफ है — अब केवल भावनाओं की नहीं, बैंकों की भी जांच होगी।
जब ‘फेम’ की दुनिया में ‘फ्रॉड’ घुस जाए…
ज़ुबिन गर्ग जैसे कलाकार, जो आवाज़ के देवता रहे, अगर उनकी विदाई भी साजिश में लिपटी हो — तो सवाल सिर्फ एक नहीं, कई गाने अधूरे लगने लगते हैं। क्या चचेरा भाई वाकई चुप रह गया, या जानबूझ कर साइलेंट मोड पर था? बीच की उस सैर में ज़ुबिन अकेले क्यों गए? और जो करोड़ों खामोशी से ट्रांसफर हुए, वो किस गाने की रॉयल्टी थी?
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